Kuldhara: एक गायब गाँव की कहानी
कुलधरा, एक प्राचीन गांव हैं जो राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है, अपनी गायब होने की रहस्यमय कहानी के लिए प्रसिद्ध है। यह गाँव एक समय में आबाद था, लेकिन यहाँ के लोगों का अचानक गायब हो जाना और गाँव का पूर्ण खाली हो जाना एक रहस्य है, जिसके पीछे अनेक कथाएँ और रहस्य हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कुलधरा की कहानी क्या है और इसके पीछे छिपी रहस्यमय बातें क्या हैं।
कुलधरा का इतिहास 13वीं सदी में उत्तर भारतीय क्षेत्रों से आये जाट, पालीवाल, ब्राह्मण, और अग्रवाल समुदायों के निवासियों के साथ जुड़ा हुआ है। यहाँ लोगों के अचानक गायब हो जाने के पीछे कई कथाएँ हैं।
एक कथा के अनुसार, कुलधरा गाँव एक समय एक राजा के अधिकार में था। और वह राजा बड़ा हवसी स्वभाव का था एक दिन राजा की नजर एक खूबसूरत लड़की पर पड़ी जिसकी खूबसूरती देख राजा के अंदर का हवसी दरिंदा जाग उठा और उसे अपने बादशाही हवेली में लाने के लिए मजबूर कर दिया। लेकिन उस लड़की और उसके परिवार ने इसे इंकार कर दिया तब राजा ने एलान किया की यदि आज रात को वह राजा के पास नही आई तो कल सुबह होते ही वह पूरे गांव को नष्ट कर देगा उसका यह एलान सुना सारे गांव वाले डर के मारे रातों रात गांव छोड़ कर चले गए पर अपनी बहन बेटियों की इज्जत पर आंच नहीं आने दी। इसके बाद से, कहा जाता है कि गाँव खाली हो गया और यहाँ कोई दुबारा नहीं बस पाया क्यों की जिन्होंने अपने घरों को छोड़ा था वो गांव को श्राप देकर गए थे की कोई भी दुबारा इस गांव को नहीं बसा पाएगा।
कुलधरा के लोगों के गायब हो जाने के पीछे कई और भी रहस्य हैं। कुछ लोग इसे भूतों का गाँव भी मानते हैं। लोगों का मानना है कि यहां अब भी भूतों की आत्माएँ घूमती हैं, जबकि कुछ लोग इसे लोगों की नियंत्रित जीवन शैली के कारण छोड़ देना मानते हैं।
और कुछ लोग मानते हैं कि यहाँ के लोगों ने ब्रिटिश साम्राज्य के अत्याचार से बचने के लिए गाँव छोड़ दिया था, जबकि कुछ लोग इसे नृशंस अभिशाप के रूप में मानते हैं।
कुलधरा गांव अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित तरीके से रखा जाने वाला एक ऐतिहासिक स्थल है। पर्यटक यहां घूम सकते हैं और उस समय के दौरान ऐसा क्या हुआ था, जैसी झलकियां आपको यहां देखने को मिल जाएंगी। कुलधरा क्षेत्र एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें लगभग 85 छोटी बस्तियाँ शामिल हैं। गांवों की सभी झोपड़ियां टूट चुकी हैं और खंडहर हो चुकी हैं। यहां एक देवी मंदिर भी है, जो अब वो भी खंडहर हो चुका है। मंदिर के अंदर शिलालेख है जिसकी वजह से पुरातत्वविदों को गांव और इसके प्राचीन निवासियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद मिली है।
कुलधरा गांव में घूमने का समय व एंट्री फीस
गांव में आप रोजाना सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक घूमना-फिरना कर सकते हैं। चूंकि ये जगह भूतिया मानी जाती है, इसलिए स्थानीय लोग सूर्यास्त के बाद द्वार बंद कर देते हैं। यदि आप कार से जा रहे हैं तो कुलधरा गांव के लिए एंट्री फीस 10 रुपए प्रति व्यक्ति है और अगर आप अंदर गाड़ी से जा रहे हैं तो 50 रुपए फीस है।
कुलधरा एक अजीब और रहस्यमय गाँव है जिसे उसकी गायबी कहानी के लिए जाना जाता है। इस गाँव का इतिहास और उसके पीछे छिपे रहस्य हर किसी को आकर्षित करते हैं और यहाँ के पर्यटक इसे अपनी अद्वितीयता के लिए जानते हैं।
0 टिप्पणियाँ